Friday 10 April 2020

भारत की तेजस्वी वीरांगना व प्रेरणादायक नारी (रानी चेनम्मा),inspirational woman (Rani Chenamma)

भारत की तेजस्वी वीरांगना व प्रेरणादायक नारी (रानी चेनम्मा)
India's glorious heroine and inspirational woman (Rani Chenamma)
Rani chenmma

भारत ही एक ऐसा पहला देश है Indian womens in hindi जहाँ नारी को देवी स्वरूप माना जाता है, उनकी शक्तियों और पराक्रमों की सभी गुणगान किया करते है। यहा नारियों को भी वही स्थान प्राप्त है जो पुरूषों को है। भारत में महिलाओं की स्थिति ने पिछली कुछ सदियों में कई बड़े बदलावों का सामना किया है। अब महिलाओं को सिर्फ चूल्हा-चौका करने की अनुमति नही बल्कि अपने अधिकारों को जीने की आजादी भी है। Indian womens in hindi gyansadhna.com

Motivational story in hindi पाठको को लुभाने एवं बांधे रखने के लिए कई बार भावों की अतिश्योक्ति की जाती हैं लेकिन अंत सदैव व्यवहारिक होता हैं, यथार्थता से परिपूर्ण होता हैं।Inspirational moral story
आइए हम आपको ऐसी कुछ कहानियाँ दिखाते है जो आपके जीवन  को नयी दिशा प्रदान करेगी। और आपकी सफलता का माध्यम बनेगी।Indian glorious in hindi
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 रानी चेनम्मा (Rani chenmma)
कर्नाटक के एक छोटे राज्य के राजा थे मल्लसर्ज , जो कलाप्रेमी थे और विद्वानों का बहुत आदर करते थे । एक दिन उन्होंने अपने राजमहल में श्रीरंगपट्टण के प्रसिद्ध संगीताचार्य सदाशिव शास्त्री के संगीत का आयोजन किया । संगीताचार्य शास्त्री जी ने अपनी कला प्रस्तुति से राजा और प्रजा दोनों को मुग्ध कर दिया ।Indian glorious in hindi राजा मल्लसर्ज ने वस्त्राभूषण तथा अलंकार इत्यादि देकर संगीताचार्य को सम्मानित किया और साथ ही उनसे अनुरोध किया कि वे उनकी छोटी रानी चेनम्मा को संगीत की शिक्षा दें ।Rani chenmma in hindi

 महाराज की दो रानियाँ थीं , बड़ी रुद्रम्मा और छोटी चेनम्मा । काकतीय राजवंश में जन्मी चेनम्मा प्रारंभ से ही मेधावी थी । उसने कन्नड़ , उर्दू , मराठी और संस्कृत इत्यादि भाषाओं में निपुणता प्राप्त कर ली थी । शास्त्री जी उन्हें संगीत की शिक्षा भी दे रहे थे । वह आखेट , शस्त्र संचालन और घुड़सवारी में भी पारंगत हो गयी ।

अब कित्तूर पर संकट के बादल गहराने लगे । महाराजा मल्लसर्ज को पूना के पेशवा ने कैद कर लिया और कुछ ही दिनों में उनकी इह लीला समाप्त हो गयी । रानी चेनम्मा के पुत्र का भी अल्प आयु में ही निधन हो गया था । बड़ी रानी रुद्रम्मा के पुत्र शिवलिंग रुद्रसर्ज द्वारा राज्य का संचालन कराया किन्तु वे भी गंभीर रूप से बीमार हो गये और अपने बचने की कोई आशा न देख उन्हें पुत्र गोद लेने का परामर्श दिया गया ।Rani chenmma in hindi उन्होंने अपने स्वजन  के पुत्र को गोद लेने का मन बनाया किन्तु दीवान मल्लप्पा शेट्टी को उनका यह विचार ठीक नहीं लगा । मल्लप्पा शेट्टी ने कहा कि इसके लिए धारवाड़ के कलेक्टर मि . थैकरे की अनुमति लेनी होगी । इस पर रानी चेनम्मा कुपित हो उठी और कहा कि हमारे घरेलू मामलों में दखल देने वाले अंग्रेज कौन होते हैं ? अब शिवलिंग रुद्रसर्ज ने मास्त मरडीगौड़ा के पुत्र को गोद लेकर उसका नाम गुरुलिंग मल्लसर्ज रखा । Indian glorious in hindi
कुछ दिन बाद शिवलिंग रुद्रसर्ज का निधन हो गया । राज - काज का सारा भार रानी चेनम्मा पर आ पड़ा ।

दीवान मल्लप्पा शेट्टी पहले से ही नाराज चल रहा था । वह राज्य को हथियाना चाहता था पर रानी के सामने उसकी कुछ भी न चल पाती थी । ईर्ष्या और द्वेष के कारण मल्लप्पा ने इस गोद लेने की सूचना धारवाड़ के कलेक्टर मि . थैकरे को दे दी ।

तत्कालीन गवर्नर लार्ड डलहौजी की हड़प नीति से सब भली - भाँति परिचित थे । अंग्रेजों की नियत इस फिराक में रहती थी कि कोई देशी रियासत उन्हें हड़पने को मिले । Rani chenmma in hindi फलस्वरूप कलेक्टर मि . थैकरे ने गोद लिए पुत्र गुरुलिंग मल्लसर्ज को उत्तराधिकार मानने से इनकार कर दिया और कहा कि रानी संरक्षिका का भार छोड़कर सभी अधिकार दीवान शेट्टी को सौंप दें । रानी चेनम्मा ने इसे अमान्य करते हुए कित्तूर की स्वाधीनता के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की ।

कलेक्टर थैकरे ने कई संदेश भेजे और बराबर धमकियाँ भी देते रहे किन्तु रानी जस की तस बनी रही । वह यह भी जानती थीं कि उसके दोनों दीवान मल्लप्पा शेट्टी और वेंकट राव अंग्रेजों से मिले हए हैं क्योंकि उन दोनों को राज्य का कुछ भाग पाने का आश्वासन मि . थैकरे दे चुके थे ।Indian glorious in hindi रानी ने आसन्न संकट को देखते हुए युद्ध की तैयारियाँ प्रारंभ कर दी और इसके लिए अपनी प्रजा का आहवान भी किया । कित्तूर का प्रजा जी - जान से अपनी रानी के साथ थी । दोनों देशद्रोही दीवान यद्यपि उनक विरुद्ध थे किन्तु गुरु सिद्दप्पा जैसे योग्य दीवान और बालण्णा , रायण्णा , जगवीर एवं चेन्नवासप्पा जैसे योद्धा उनके साथ थे ।

पूरा राज्य युद्ध की तैयारियाँ करने लगा । हिंदू और मुसलमानों दोनों ही पूर्ण सहयोग प्रदान कर रहे थे और वे स्वयं भी युद्धाभ्यास में जुट गईं । रानी स्वयं इन सब तैयारियों का निरीक्षण कर रहीं थीं ।Rani chenmma in hindi
 देशद्रोही दीवान मल्लप्पा शेट्टी और वेंकटराव इन तैयारियों की जानकारी अंग्रेजों को दे रहे थे । ये दोनों देशद्रोही दीवान गुरु सिदप्पा को अपने मार्ग की बाधा मान रहे थे । उन्होंने एक कुचक्र रचा और रानी की रसोइया महातब्बा को प्रलोभन दिया और खीर में विष मिलाकर रानी को देने को कहा , वह झांसे में आ गई । जैसे ही वह विष मिली खीर देने को हुई कि रानी की शुभेच्छु कलावती ने इसका भंडाफोड़ कर दिया और रानी बच गईं । वह खीर महातब्बा को खिलाई गयी और वह तड़प - तड़प कर मर गयी ।Indian glorious in hindi

उसी रात चेनम्मा ने अपने सभी सैनिकों को तैयार रहने के लिए कहा साथ ही यह भी कहा कि यह युद्ध केवल कित्तूर के लिए ही नहीं है - यह हमारी पुण्य भूमि भारत की अस्मिता के लिए है ।Indian glorious in hindi

23 सितम्बर 1824 को रानी ने थैकरे की सेना पर आक्रमण कर दिया । फाटक खोल दिए गये - रानी की मर्दानगी झलक रही थी और वे सिंहनी के समान अंग्रेजी सेना पर टूट पड़ीं । रानी की तलवार शत्रुओं के शीश काटे जा रही थी । देखते - देखते ही थैकरे को भी मार गिराया । मैदान लाशों से पट गया और थैकरे के गिरते ही अंग्रेजी सेना भाग खड़ी हुई । बहुत से सैनिकों को बंदी बनाया गया जिसमें शिविर के अफसर स्टीवेशन और इलियत भी थे । दोनों देशद्रोही दीवान शेट्टी और वेंकटराव को भी गिरफ्तार कर लिया । बाद में मंत्री परिषद की सलाह लेकर उन्हें मृत्यु दंड दे दिया ।

 अंग्रेज फिर तैयारी में लग गये । मद्रास और मुंबई से कुमुक मँगाकर डीकस के नेतृत्व में 3 दिसंबर 1824 को पुनः आक्रमण कर दिया । इस बार उनका सैन्यदल सशक्त और विशाल था किन्तु रानी के देशभक्त सैनिकों का मनोबल भी कुछ कम नहीं था । एक बार फिर अंग्रेज हारकर भाग खड़े हुए ।Indian glorious in hindi

अंग्रेजों को यह हार खटक रही थी और तीसरी बार फिर कित्तूर पर आक्रमण किया । इस बार कूटनीति के सहारे कित्तूर के कुछ लोगों को प्रलोभन देकर अपने पक्ष में कर लिया जिसमें कित्तूर का किलेदार वासप्पा भी सम्मिलित था । उसने बारूद में सूखा गोबर मिलवा दिया साथ ही कुछ अन्य भेद भी दे डाले । भयंकर युद्ध हुआ अंग्रेजों की सेना की भारी क्षति हुई । अंत में रानी को गिरफ्तार कर लिया गया और उनके विश्वासपात्र सैनिकों यथा रायण्णा , जगवीर , नागरकट्टी , चेन्नवासप्पा तथा बालण्णा इत्यादि को गिरफ्तार कर इन योद्धाओं को फाँसी पर लटका दिया ।Indian glorious in hindi

रानी यह सदमा बरदाश्त न कर सकी और बैंगलहोल में कैद रानी चेन्नम्मा ने अपने आत्मबल से ही अपने प्राणों की आहुति दे दी । धन्य है वह कित्तूर की नारी , धन्य है शौर्य और साहस की प्रतीक रानी चेन्नम्मा जिसने अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिये । देश की बलवेदी पर अपने प्राण न्यौछावर करने वाली उस तेजपुंज को नमन और श्रद्धा सुमन समर्पित ।

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