Thursday 16 July 2020

माँ पर कविता Maa Par Kavita in hindi वो तो मेरी माँ,और सिर्फ मां ही है

माँ पर कविता Maa Par Kavita in hindi 
वो तो मेरी माँ,और सिर्फ मां ही है
She is my mother, and only mother

दोस्तों, मां सभी को प्यारी होती है,क्योंकि एक मां ही है,जो अपने हिस्से की हर खुशी न्यौछावर कर देती है, Mothers Day Poem in Hindi माँ पर कविताएं लिखना कठिन नहीं है,सिर्फ मां के लिए एहसास होना चाहिए, मां करूणानिधि है, ममता है,प्रेम है, त्याग है, तपस्या है आदि कयी एहसास है मां के जो मै आपके सामने माँ की ममता पर हिंदी कविता लिख रहा हूँ। Maa Par Kavita in hindi

माँ की ममता का कोई मूल्य नहीं है।मैं आपको बता दूँ की जिन लोगों की माँ होती है वे बहुत ही भाग्यशाली होते हैं उनकी किस्मत कभी भी उनका साथ नहीं छोडती है और दुनिया की सबसे कीमती चीज माँ पिता का आशीर्वाद होता है। Maa Par Kavita in hindi माँ बेटे से सुन्दर रिश्ता इस पूरी दुनिया में किसी का नहीं है, माँ है तो हमारा अस्तित्व है अगर माँ नहीं है तो हम भी कुछ नहीं है, वही हमको सीख देती है, खुद भूकी रहकर हम को खिलाती है।Mothers Day Poem in Hindi और यह तो माँ का दिल है जो की खुद कष्ट में रह सकती है पर अपने बच्चे को हर मुश्किल से बचाती है| यही कारण है की आज हम आपके लिए लाये हैं माँ पर हिंदी कविताएं माँ पर कविता हिंदी में यानी Mothers Day Poem in Hindi जो सभी भारत की एवं पूरे विश्व की माताओं को समर्पित करता हूँ ।

ऐसा इस जहाँ में, और कोई कहाँ है |
वो तो मेरी माँ,  और सिर्फ मां ही है  ||

वो मंजिल की राह है, 
और राह की साथी भी है,
किस्मत की देवी, सपनों की ज्योति है |
माँ के आंचल में है सारा जहाँ, 
जहाँ कडकती धूप में भी छांव मिल जाए |
मां स्वरूप है इस धरा की,
तुम ही त्याग का प्रतीक हो,
तुम बुझते दिए की रोशनी हो,
तुम डूबते के लिए य नका हो|
ऐसा इस ----------सिर्फ मां ही है || १ ||

तुम ममता की छाँव हो,
तुम ही जीवन की आस हो,
तुमने ही सिखाया चलना हमें, 
तुम ही मेरे आदर्श का पाठ हो |
बिन बोले तुम भाव समझ लेती हो,
बिन कहे तुम इच्छा भर देती हो  |
ऐसा इस ------------- सिर्फ मां ही है || २ ||

तुम हो तो दुख भी घुटनें टेक देते है,
हर शब्द तुम्हारे सामने निशब्द होते है |
तुम बहती धारा हो, जीवन की ,
जिसमें बिखरे है अनेकों मोती |
आसमान भी छोटा है, तुम्हारी ममता के आगे,
तुम ही नारी शक्ति की एक पहचान हो |
ऐसा इस जहाँ ------------ सिर्फ मां ही है || ३ ||

तुम परछाईयां हो मेरे हर कदमों के,
तुम बुनती हो सपनों का जाल मेरे लिए |
आंखे नम हो कभी मेरी तो,
बांध फूट पढता है ,आपकी पलकों से |
गर रूठा अगर मैं कभी भी,
तो छूट जाता है, निवाला तुम्हारे मुंह का |
ऐसा इस जहाँ ------------ सिर्फ मां ही है || ४ ||

अंधेरे में जब डरता था मैं कभी,
मां तेरी आवाज सहारा देती थी |
तेरा काला टीका था मुश्किल घडी का दोस्त ,
तेरी सिखायी लोरी बनी मेरी सफलता की नींव |
हालात बुरे थे फिर भी अमीर बनाकर रखती थी ,
न जाने मां अन्दर ही अन्दर तुम,
कितने दर्दों को सहा करती थी |
ऐसा इस जहाँ  ----------- सिर्फ मां ही है || ५ ||

याद है मां जब अपने हिस्से की ,
हर खुशी भी तुम बांट देती थी | 
मानो समन्दर सा हृदय हो आपका,
अगर मां का बच्चों के सर पर न होगा,
फिर इस जहाँ में कौन उसके साथ होगा |

ऐसा इस जहाँ में,  और कहाँ है|
वो तो मेरी माँ,  और सिर्फ मां ही है || ६ ||

अरूण सेमवाल 

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